Tuesday 9 August 2016

पृथ्वी की संजीवनी, गेंहू के जवारे (Wheat Grass Juice)

पृथ्वी की संजीवनी, गेंहू के जवारे। Wheat Grass Juice

गेहूँ का ज्वारा अर्थात गेहूँ के छोटे-छोटे पौधों की हरी-हरी पत्ती, जिसमे है शुद्ध रक्त बनाने की अद्भुत शक्ति. तभी तो इन ज्वारो के रस को “ग्रीन ब्लड” कहा गया है. इसे ग्रीन ब्लड कहने का एक कारण यह भी है कि रासायनिक संरचना पर ध्यानाकर्षण किया जाए तो गेहूँ के ज्वारे के रस और मानव मानव रुधिर दोनों का ही पी.एच. फैक्टर 7.4 ही है, जिसके कारण इसके रस का सेवन करने से इसका रक्त में अभिशोषण शीघ्र हो जाता है, जिस से रक्ताल्पता(एनीमिया) और पीलिया(जांडिस) रोगी के लिए यह ईश्वर प्रदत्त अमृत हो जाता है। गेहूँ के ज्वारे के रस का नियमित सेवनऔर नाड़ी शोधन प्रणायाम से मानव शारीर के समस्त नाड़ियों का शोधन होकर मनुष्य समस्त प्रकार के रक्तविकारों से मुक्त हो जाता है। गेहूँ के ज्वारे में पर्याप्तमात्रा में क्लोरोफिल पाया जाता है जो तेजी से रक्त बनता है इसीलिए तो इसे प्राकृतिक परमाणु की संज्ञा भी दी गयी है। गेहूँ के पत्तियों के रस में विटामिन बी.सी. और ई प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।अगर आप भयंकर से भयंकर बीमारी से ग्रस्त हैं, और आपको लगता हैं के ये बीमारिया आपकी जान ले कर ही छोड़ेंगी, और आप दवा ले ले कर थक चुके हो। तो एक बार गेंहू के जवारों को ज़रूर आज़माये।ये कैंसर किलर हैं, कैंसर के मरीजों को ये नियमित लेना चाहिए।ये मधुमेह के रोगियों के लिए वरदान हैं।ये खून की कमी को चमत्कारिक रूप से पूरा करता हैं।ये हृदय रोगियों के लिए वरदान हैं।ये गर्भिणी महिलाओ के लिए वरदान हैं।ये शरीर के टॉक्सिन्स को बाहर निकलता हैं।मोटापे के रोगियों के लिए वरदान हैं।ये शरीर की ऊर्जा को बढ़ा देता हैं, खिलाड़ियों के लिए ये वरदान हैं।त्वचा सम्बंधित रोगो में वरदान हैं।शरीरी की दुर्गन्ध को दूर करता हैं।बुढ़ापे को रोकता हैं। वीर्य की कमी को पूरा करता हैं।ऐसे ढेरो गुण समाये हैं इसमें।गेहूँ घास के सेवन से कोष्ठबद्धता, एसिडिटी , गठिया, भगंदर, मधुमेह, बवासीर, खासी, दमा, नेत्ररोग,म्यूकस, उच्चरक्तचाप, वायु विकार इत्यादि में भी अप्रत्याशितलाभ होता है।इसके रस के सेवन से अपार शारीरिक शक्ति कि वृद्धि होती है तथा मूत्राशय कि पथरी के लिए तो यह रामबाण है।गेहूँ के ज्वारे से रस निकालते समय यह ध्यान रहे कि पत्तियों में से जड़ वाला सफेद हिस्सा काट कर फेंक दे। केवल हरे हिस्से का ही रस सेवन कर लेना ही विशेष लाभकारी होता है। रस निकालने के पहले ज्वारे को धो भी लेना चाहिए. यह ध्यान रहे कि जिस ज्वारे से रस निकाला जाय उसकी ऊंचाई अधिकतम पांच से छः इंच ही हो।आप 15 छोटे छोटे गमले लेकर प्रतिदिन एक-एक गमलो में भरी गयी मिटटी में 50 ग्राम गेहू क्रमशः गेहू चिटक दे, जिस दिन आप 15 गमले में गेहू डालें उस दिन पहले दिन वाला गेहू का ज्वारा रस निकलने लायक हो जायेगा। यह ध्यान रहे की जवारे की जड़ वाला हिस्सा काटकर फेक देंगे पहले दिन वाले गमले से जो गेहू उखाड़ा उसी दिन उसमे दूसरा पुनः गेहू बो देंगे.यह क्रिया हर गमले के साथ होगी ताकि आपको नियमित ज्वारा मिलता रहे ।बड़ी बड़ी कंपनिया इसको बहुत महंगे दामो पर बेचती हैं। आप इसको घर में ही उगाये औरअपने पैसे बचाये।अगर आप चाहते हैं के ऐसी और जानकारिया आपको मिलती रहे तो हर पोस्ट को अनेक लोगो तक पहुंचाए।

Sunday 7 August 2016

आपकी सेहत से खेलता रसायनों का ज़हर

आपकी सेहत से खेलता रसायनों का ज़हर

खेती में कीटनाशकों के अंधाधुंध प्रयोग से कहीं, 07 वर्ष की लड़कियों में माहवारी शुरू हो रही है, तो कहीं मनुष्यों के सेक्स में ही परिवर्तन हुआ जा रहा है। विश्व बैंक के अनुसार दुनिया में 25 लाख लोग प्रतिवर्ष कीटनाशकों के दुष्प्रभावों के शिकार होते हैं, जिसमें से 05 लाख लोग काल के गाल में समा जाते हैं। फसलों में कीटनाशकों का बढ़ता हुआ प्रयोग क्या कहर बरपा रहा है, पढें इस शोधपरक लेख में।
खेतों के ज़रिये शरीर में उतरता ज़हर
कृषि रसायनों से दूषित होता पर्यावरण एवं स्वास्थ्य
एक समय था जब घर में भोजन बनते ही सारा घर महक उठता था। मेरी माँ आँगन में बिर्रा (गेहूं एवं चना के मिश्रण) की रोटियां एवं आलू प्याज की तली सब्जी बनाती थी और हम दोनों भाई चटखारे ले कर कहते थे। वह स्वाद आज भी मुँह में पानी भर देता है। आज भी माँ रोटी बनाती है, वही स्नेह है, लेकिन स्वाद में बहुत अंतर आ गया है। क्या कारण है कि धीरे धीरे अनाज एवं सब्जियों में से वह न भुलाने वाला स्वाद लुप्त होता जा रहा है। सब्जियों एवं खाद्यान्नों की ऊर्जा का ह्राष हो रहा है। कृषि रसायनों (Agricultural chemicals) ने हमारी मिट्टी, पानी, हवा और सम्पूर्ण पर्यावरण को प्रदूषित कर दिया है। सबसे गंभीर प्रभाव हमारे स्वास्थ्य पर हुए हैं। यही जहरीले रसायन (Toxic chemicals) फलों, सब्जियों, अनाजों, दालों, मसालों, खाद्य तेलों, दूध, अंडे, मांस, पानी आदि के साथ आपके शरीर में प्रवेश कर आपकी सेहत को तबाह करते हैं।

Agricultural Pesticides and Human Health
 
आमतौर पर यह माना जाता है कि ज्यादा मात्रा में रासायनिक खाद (Chemical fertilizer) एवं कीटनाशक (Pesticide) इस्तेमाल करने से उत्पादन बढ़ाया जा सकता है और उत्पादन बढ़ने से किसान का मुनाफा बढ़ सकता है। सरकार भी किसानों को वैज्ञानिक ढंग से खेती करने की सलाह देती है, लेकिन इस वैज्ञानिक विधि का अर्थ सिर्फ और सिर्फ रासायनिक खाद और कीटनाशकों के इस्तेमाल तक ही सीमित होता है।
अमेरिका में हुए अनुसन्धान से ज्ञात होता है कि जब कीटनाशी रसायनों का पेड़-पौधों, सब्जियों और फलों पर छिड़काव किया जाता है, तो इन रसायनों की 01 % मात्रा ही सही लक्ष्य तक प्रभावी हो पाती है, शेष 99 % रसायन पर्यावरण को प्रदूषित करता है।
देश में फसलों पर हर वर्ष 25 लाख टन पेस्टीसाइड (Pesticide) का प्रयोग होता है। इस प्रकार हर वर्ष 10 हजार करोड़ रुपए खेती में इस्तेमाल होने वाले पेस्टीसाइडों पर खर्च हो जाते हैं। आज खतरा केवल रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के बढ़ते प्रयोग से ही नहीं है, बल्कि खाद्य पदार्थों मे जिस तरह मिलावट का धंधा फल-फूल रहा है, वह मानवीय स्वास्थ्य के लिए एक गंभीर खतरा बन गया है।
सब्जियों में जहरीले रसायनों की संख्या दिन प्रतिदिनन बढ़ रही है। एक आकलन के अनुसार वर्तमान में ही हम रोजाना 0.5 मि.ली. ग्राम जहर ले रहे हैं। परवल को रंगा जा रहा है, सब्जियों के आकार को जल्दी बडा करने के लिए उसमें आक्सीटोसिन (Oxytocin) का इंजेक्शन लगाया जा रहा है। यह प्रयोग बेल वाली सब्जी पर सबसे ज्यादा किया जाता है, इससे सब्जियों की लम्बाई चौड़ाई जल्दी बढ़ जाती है और किसान ज्यादा मुनाफा कमाते हैं।
बासी सब्जियों को मैलाथियान (malathion) के घोल में 10 मिनट तक डाला जाता है, ताकि सब्जी 24 घंटे तक ताजा रहे। इसका प्रयोग भिन्डी, गोभी, मिर्च, परवल, लौकी, पत्ता गोभी पर किया जाता है। रासायनिक खाद और कीटनाशकों के इस्तेमाल से अनाज, सब्जियां, दूध और पानी जो इंसान के जीवन का प्रमुख आधार हैं जहरीले बनते जा रहे हैं। इस वजह से इंसानी जीवन धीरे-धीरे खतरे में पड़ता जा रहा है।
आज दिल का दौरा (Heart attack), मधुमेह (Sugar), रक्त चाप (Blood pressure), एवं अन्य कई प्रकार की बीमारियां आम होती जा रही हैं। इसका एक बहुत बड़ा कारण यह है कि आज हम जो भी खाते हैं, उसमें रासायनिक तत्वों की अधिकता इतनी ज्यादा होती है कि हमारा खाना मीठा जहर बन चुका है।
चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर (Chandra Shekhar Azad University of Agriculture & Technology, Kanpur) के वैज्ञानिकों के अनुसार गेहूँ (Wheat) की फसल में उर्वरकों का प्रयोग बढ़ने से रोटी में भी उर्वरक अवशेष बढ़ते जा रहे हैं। यही कारण है कि कृषि रसायन शरीर में रक्त के साथ बह रहे हैं। इसका प्रमाण पंजाब के भटिंडा और मुक्तसर जिले हैं, जहां के ग्रामीणों की रक्त करने में 13 तरह के कीटनाशक पाये गये हैं।
विश्व बैंक (World Bank) द्वारा किये गए अध्यन के अनुसार दुनिया में 25 लाख लोग प्रतिवर्ष कीटनाशकों के दुष्प्रभावों के शिकार होते है, उसमे से 5 लाख लोग तक़रीबन काल के गाल में समा जाते हैं। लम्बे समय तक ऐसे गेहूँ के प्रयोग से हार्ट (Heart) तथा यकृत (Liver) से संबंधित बीमारियां हो सकती हैं या लकवा (Paralysis) भी हो सकता है।
गन्ने (Sugarcane) की सघन खेती वाले क्षेत्रों में लड़कियों में 07 वर्ष की उम्र में ही माहवारी (Menstruation) शुरू हो गई। पक्षियों के अंडों के छिलके इतने पतले हो गए कि वे असानी से फूट जाते थे। डी.डी.टी. (DDT) से सेक्स में परिवर्तन के लक्षण भी दिखाई देने लगते हैं। यानि कि, ये रसायन हमारी अनुवांशिकता के वाहक क्रोमोजोम्स (Chromosome) पर स्थित जीन्स की संरचना में भी अवांछित परिवर्तन करने में सक्षम हैं।
रासायनिक खाद कीटनाशी फफूंदनाशी खरपतवारनाशी रसायनों के उपयोग के दौरान संपर्क में आने पर वे किसानों के आंख, नाक, त्वचा और होठों की कोशिकाओं के मार्फत शरीर में प्रवेश कर रक्त के साथ वीर्य (Semen) में पहुँचकर उसकी पी.एच. कम करके उसे अम्लीय बना देते हैं तथा प्रति एम.एल. वीर्य में शुक्राणुओं की संख्या 7.5 करोड़ से घटकर 4.4 करोड़ रह जाती है। क्षतिग्रस्त शुक्राणुओं (Sperms) की संख्या भी बढ़ जाती है। इन सब बातों से उनकी प्रजनन क्षमता (Fertility) पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
कृषि रसायनों (Agricultural chemicals) का भरपूर प्रयोग करने वाले फार्मों में तथा उनके समीप रहने वाले बच्चों का बौद्धिक स्तर (IQ Level) फार्म से दूर रहने वाले बच्चों की तुलना में काफी नीचा है। वृध्दों के भूलने की बीमारी अलजाइमर (Alzheimer) का संबंध भी कृषि रसायनों से जुड़ा पाया गया है। यानि ये रसायन मनुष्य की मानसिक क्षमता (Mental capacity) को भी कम कर रहे हैं।
हमें अपनी सुरक्षा स्वयं करनी होगी। खेत में जैव-विविधता (Biodiversity) होनी चाहिये यानी कि केवल एक किस्म की फसल न बो कर खेत में एक ही समय पर कई किस्म की फसल बोनी चाहियें। जैव-विवधता या मिश्रित खेती मिट्टी की उत्पादकता बढ़ाने और कीटों का नियन्त्रण करने, दोनों में सहायक सिद्ध होती है। जहाँ तक सम्भव हो सके हर खेत में फली वाली या दलहनी (दो दाने वाली) एवं कपास, गेहूँ या चावल जैसी एक दाने वाली फसलों को मिला कर बोएँ। दलहनी या फली वाली फसलें नाइट्रोजन (Nitrogen) की पूर्ति में सहायक होती हैं। एक ही फसल यानी कि कपास इत्यादि की भी एक ही किस्म को न बो कर भिन्न-भिन्न किस्मों का प्रयोग करना चाहिए। फसल-चक्र में भी समय-समय पर बदलाव करना चाहिये।
एक ही तरह की फसल बार-बार लेने से मिट्टी से कुछ तत्व खत्म हो जाते हैं एवं कुछ विशेष कीटों और खरपतवारों को लगातार पनपने का मौका मिलता है। कीटनाशकों का प्रयोग करके हम पौधा खाने वाले कीड़े के साथ साथ उन कीड़ों को नष्ट कर रहे हैं, जो हानिकारक कीड़ों को खाते हैं. इस तरह हम समस्या के साथ साथ समाधान का भी उन्मूलन कर रहे थे और कीड़ों में उन कीटनाशकों के प्रति प्रतिरोधक क्षमता उत्पन्न हो रही थी, इसके अलावा लाखों रूपये कीटनाशकों पर व्यय हो रहे थे, जो किसानो को लाभ के रूप में प्राप्त हो सकते थे।
हम सुबह से लेकर रात के भोजन तक जो भी हम अपने शरीर में ग्रहण करते हैं, उसका महत्व हमारे अस्तित्व से जुड़ा है। परेशान किसान अब रासायनिक खाद व कीटनाशकों के चक्रव्यूह से निकलना चाहता है ताकि भूमि को फिर से उर्वरक बनाया जा सके।
जब तक हम प्राकृतिक संसाधनों के अविवेकपूर्ण दोहन पर विराम नहीं लगायेंगे, पर्यावरण संरक्षण (Environment protection) व संवर्द्धन की बात निरर्थक होगी। हमें किसानों को हर संभव सहायता देनी होगी, जिससे कि वे अपने आपको मंहगी कृषि पद्धतियों (Expensive agricultural practices) तथा कीटनाशकों (Pesticides) के चक्र से मुक्त कर सतत पोषनीय तथा स्वस्थ कृषि में संलग्न हो सकें। धरती में इतनी क्षमता है कि वह सब की जरूरतों को पूरा कर सकती है, लेकिन किसी के लालच को पूरा करने में वह सक्षम नहीं है।

Aloe Vera in a Nutshell

Aloe Vera helps skin wounds.
• Aloe Vera is used to heal burns.
• Aloe Vera helps in speeding recovery time after surgery.
• Aloe Vera gel is used on blisters and sores.
• Aloe Vera is helpful in healing insect bites, rashes, fungus, infections,
conjunctivitis and allergic reactions.
• Aloe Vera is applied on dry skin to give a glowing effect.
• Aloe Vera helps in reducing acne and sunburn.
• Aloe Vera helps to fight frostbite.
• Aloe Vera is used to reduce psoriasis, rosacea, warts and eczema.
• Wrinkles from aging are reduced by applying Aloe Vera.
• It stops the bleeding, damage and leakage of the intestine wall, thereby taking
the stress off the immune system.
• Effectively balances and enhances proper immune system function.
• Acts as a potent anti-inflammatory agent to reduce inflammation.
• Rebuilds the intestinal protective mucosa lining.
• Promotes and accelerates the tissue healing process.
• Fuels all bodily systems through the promotion of proper digestion, absorption
and assimilation of foods and nutrients.
• Normalizes an array of damaging processes in the digestive tract.
• Eliminates mal digestion.
• Has direct anti-bacterial, anti-viral, anti-fungal, anti-yeast and anti-parasitic
effects.
• Promotes the production of healthy flora in the digestive tract.
• Controls chronic yeast growth so that normal healthy flora may thrive thereby
acting as a prebiotic.
• Contributes greatly to the prevention and healing of malignant cells.
• Creates a “Tumor necrosis factor” which restricts the blood supply to tumors.
• Increases circulation throughout the body and aids in blood sugar balancing.
• Is an extremely effective intracellular antioxidant and free radical scavenger.
• Is not digested by the enzyme systems, it is taken up into the cell INTACT.
• Is absorbed through special receptor sites which exist within the human
digestive tract.
• Is 100% non-toxic with No negative side effects.
• May be used simultaneously with any medication with NO contra-indications.

Thursday 4 August 2016

Part-Time / Full Time Business


क्या आप एक बेहतर जीवन जीना चाहते हैं?

हर इसांन एक बेहतरीन जीवन चाहता है ! आन्नंद की जिदंगी चाहता है ! इसके लिए सबसे महत्वपूर्ण है पैसा यानि की Income. लोग पैसा  बनाने के लिए अलग -अलग रास्ते अपनाते हैं ! दुनिया के बहुत बडे़ वित्त विशेषज्ञ Mr. राबर्ट टी कियासॉकी ने अपनी किताब "The Business School" में लिखा है कि पैसा यानी की Income बनाने के चार Legal तरीके हैं....
E...employment (नौकरी)
S...self employed (प्रोफेशन)
B...business men (व्यापार)
I...investment (निवेश)

95% लोग नौकरी या प्रोफेशन में लगे हुए हैं। इन दोनों श्रेणियों में आपको अपने टाइम के बदले पैसा मिलता है। यानि active इनकम। जब तक काम तब तक पैसा। काम बंद पैसा बंद। व्यापार और निवेश में आप काम नहीं भी करें तो पैसा मिलता है, यानि कि passive इनकम। अर्थात एक बार काम और बार बार पैसा या इनकम। परंतु व्यापार और निवेश के लिए बहुत पैसे की ज़रुरत होती है जो शायद आम आदमी नहीं जुटा पाता।

Passive Income मतलब काम एक बार ......पैसा बार बार लगातार..अगली पीढी को भी क्या आप अपने परिवार के लिए passive income चाहते हैं ? जिसका आप खुद आन्नद ले सकें और जो बुरे वक्त में भी आपके परिवार के काम आ सके ! तो आपके पास विकल्प क्या है....,........

Big Business.... या....
Big Investment.......या
कोई नहीं .......!

अगर कोई नहीं.....तो आपके लिए एक मात्र विकलप है..... NETWORK MARKETING BUSINESS........

दुनिया के पहले अरबपति Mr. Jai Pol Getty से पूछा गया कि आप इतने अमीर आदमी कैसे बने ....!
Mr.Getty ने बताया कि मै कुछ सिद्धातों पर चल कर अमीर बना हूं और इन सिद्धातों पर चल कर कोई भी अमीर बन सकता है .........

सिद्धातं:--
1. Your Own business
2. Fast moving goods
3. Best Quality
4. Diversify Income
5. Help Others

हॉं यह 100% सच है कि इन सिद्धातों पर चलकर कोई भी अमीर बन सकता है....लेकिन इन सबका पालन करने के लिए आपको बनना होगा एक Company का मालिक.....

या फिर आम आदमी के लिए एक मात्र विकलप है...... NETWORK MARKETING BUSINESS

क्या आप अमीर बनना चाहते हैं ?...
********************************
एक सवाल :--
आखिर कितना पैसा चाहिए एक सामान्य जीवन जीने के लिए....

R B I की 100 years की Report..

एक सामान्य परिवार का गुजारा..
1920.......1.rs
1940.......10.rs
1960.......100.rs
1980.......1000.rs
2000.......10000.rs
2020.......??????.rs
100000…..rs.
1 Lac rupees per month.
1 लाख रूपया महिना.......और दोस्तो 1लाख रूपया महिना कमाने वाले भी कोई लग्जरी लाईफ नहीं जी रहे होगे ! इतनी आमदनी में एक परिवार बस सामान्य जीवन ही जी पाएगा !अगर आप 2020 तक 1 लाख महिना नहीं कमा रहे होंगे तो साधारण जीवन भी नही जी पाएंगे ...

मतलब हमें आय के और विकलप चाहिए होंगे
आज आपके पास क्या-क्या विकल्प हैं...???

अगर कोई नहीं है..तो ..एकमात्र और सबसे Best विकल्प है......... .आज अपने वर्तमान काम के साथ ..
1.Part Time में...
2.कम लागत में..
3.बिना Risk के..
4.Team की help से अपनी आमदनी बढाने का सबसे आसान और सबसे बढीया विकल्प है.. NETWORK MARKETING BUSINESS...

अगर आप अपने परिवार को एक बेहतरीन जिन्दगी देना चाहते हो , passive Income देना चाहते हो , समय की आजादी चाहते हो और अपने परिवार को आर्थिक सुरक्षा देना चाहते हो तो आपके लिए Network Marketing Business एक सबसे बेहतरीन अवसर हो सकता है !

जानिए यह बिजनैस क्या है....!
कृपया इस msg को पढने के बाद दुसरे लोगों को तब तक ना भेजें जब तक आप इसे अपनी जिदगी मे लागू ना कर लें !
अधिक  जानकारी  हैतु संपर्क करें 09650274066